मंदसौर -
मंदसौर में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को भगवान पशुपतिनाथ की रजत प्रतिमा शाही पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकली। युवा पालकी मंडल के तत्वावधान में आयोजित इस शाही पालकी में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए। पालकी की शोभा विभिन्न प्रकार की झांकियों से बढ़ी।
नासिक के ढोल, उज्जैन की डमरू पार्टी, तोप कड़ा बिन, अखाड़ा, कालका माता की झांकी और राधा कृष्ण का रास लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे। युवतियों के नृत्य ने भी सबका मन मोह लिया। विभिन्न स्थानों से आए कलाकारों ने अपने करतब दिखाकर पालकी की शोभा बढ़ाई।
शाही पालकी का शहर के विभिन्न धार्मिक संस्थानों और नागरिकों ने जगह-जगह स्वागत किया। इस भव्य आयोजन को देखने के लिए शहर की सड़कों पर हजारों लोग उमड़ पड़े।
नगर के मुख्य रास्तों से निकली सवारी
सोमवार दोपहर को पशुपतिनाथ मंदिर से शाही पालकी की शुरुआत हुई। यात्रा वीर सावरकर पुलिया, धान मंडी, शुक्ला चौक, नयापुरा रोड, गोल चौराहा, बीपीएल चौराहा, गांधी चौराहा, नेहरू बस स्टैंड, भारत माता चौराहा, घंटाघर और मंडी गेट होते हुए देर रात पुनः पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचकर समाप्त होगी।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे मार्ग पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
शयन कालीन आरती मण्डल के अजय भाटी ने बताया कि कावड़ यात्रियों के साथ हजारों भक्त पालकी में शामिल हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य शहरों से कई झांकियां और कलाकार इस अवसर पर आए हैं। पिछले 13 वर्षों से लगातार यह शाही पालकी निकाली जा रही है।