KHABAR: नीमच में हुई जटिल और चुनौतीपूर्ण किडनी सर्जरी, पढ़े MP44NEWS पर खास खबर

MP 44 NEWS July 28, 2025, 5:47 pm Technology

नीमच - नीमच में एक बेहद कठिन और जीवन रक्षक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। मरीज जगदीश मीणा, उम्र 39, निवासी तहसील रामपुरा, पिछले एक साल से दाहिनी पीठ में तेज दर्द और बार-बार बुखार से पीड़ित थे। मरीज ज्ञानोदय मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की ओपीडी में आए और यूरो सर्जन (यूरोलॉजी एवं किडनी विशेषज्ञ) डॉ. सुरेंद्र कुमार प्रजापति से परामर्श लिया। मरीज को तेज पीठ दर्द, बार-बार बुखार, पेट फूलना, जलन और पेशाब में खून आने की शिकायत थी। मरीज ने पिछले एक साल में उदयपुर और अहमदाबाद के कई बड़े अस्पतालों में इलाज करवाया लेकिन आराम नहीं मिला। ज्ञानोदय मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरीज की जांच की गई जिसमें पता चला कि मरीज की दाहिनी किडनी सामान्य आकार (10 से 12 सेमी) से बढ़कर 20 सेमी हो गई थी जिसमें काफी मवाद भरा हुआ था। इस गंभीर बीमारी का इलाज डॉ सुरेन्द्र कुमार प्रजापति (एमसीएच यूरो सर्जन, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) द्वारा 2 चरणों में करने का निर्णय लिया गया। पहले चरण में, डॉ सुरेन्द्र कुमार (यूरो सर्जन) और डॉ चंदन टिकाड़े (रेडियोलॉजिस्ट) ने अल्ट्रासाउंड गाइडेड नेफ्रोस्टॉमी ट्यूब के माध्यम से दाहिनी किडनी से लगभग 1 लीटर मवाद निकाला, जिससे मरीज को काफी राहत मिली। दूसरे चरण में, डीटीपीए स्कैन किया गया जिससे यह स्पष्ट हो गया कि दाहिनी किडनी बिल्कुल काम नहीं कर रही थी और बाईं किडनी पूरी तरह से स्वस्थ थी यह सर्जरी चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरी थी क्योंकि किडनी का आकार बहुत बड़ा था, यह लिवर और छोटी आंत से चिपकी हुई थी और इसके आसपास काफी सूजन थी। इस सर्जरी में यह भी ध्यान रखना पड़ा कि किडनी के पास 2 बेहद महत्वपूर्ण रक्त वाहिकाएँ भी होती हैं, एक जो शरीर के निचले हिस्से से हृदय तक रक्त पहुँचाती है (IVC) और दूसरी जो हृदय से पूरे शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुँचाती है (AORTA)। यदि सर्जरी के दौरान ये दोनों वाहिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो अत्यधिक रक्तस्राव के कारण मरीज की मृत्यु हो सकती है, इसलिए यह सर्जरी और भी जटिल हो जाती है। डॉ. सुरेन्द्र कुमार प्रजापति और उनकी कुशल टीम ने अत्यंत धैर्य और अनुभव के साथ तीन घंटे में दाहिनी किडनी निकालकर इस सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और केवल एक किडनी के साथ लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकता है। नियमित जाँच, नियंत्रित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के साथ, वह सामान्य जीवन जी सकता है। डॉ. सुरेन्द्र कुमार प्रजापति ने कहा कि मरीज की मुस्कान हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह सफलता ज्ञानोदय मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, नीमच के चिकित्सकों की कड़ी मेहनत और उच्च स्तरीय चिकित्सकीय कौशल का प्रमाण है, जिससे मरीज को नया जीवन मिला और अन्य मरीजों के लिए आशा की किरण जगी।

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