उज्जैन -
श्री महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण-भाद्रपद मास के अंतर्गत निकलने वाली भगवान महाकाल की तीसरी सवारी सोमवार, 28 जुलाई को भव्य रूप में निकाली जाएगी। यह सवारी शाम 4 बजे मंदिर प्रांगण से प्रारंभ होगी और परंपरागत मार्ग से होते हुए नगर भ्रमण करेगी।
इस सवारी की थीम बैंड प्रस्तुति पर आधारित होगी। इसमें पुलिस, आर्मी, होमगार्ड और निजी बैंड सवारी के साथ-साथ रामघाट व दत्त अखाड़ा घाट पर संगीत की प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा जनजातीय समूह भी लोक नृत्य की प्रस्तुति देंगे।
श्री शिव-तांडव की प्रतिमा विराजित होगी
सवारी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होंगे, जबकि भगवान श्री मनमहेश को हाथी पर और श्री शिव-तांडव की प्रतिमा को गरूड़ रथ पर विराजित किया जाएगा। सवारी प्रारंभ होने से पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद पालकी में विराजित भगवान को मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल सलामी देगा।
सवारी में घुड़सवार पुलिस, सशस्त्र बल, होमगार्ड के जवान, भजन मंडली, झांझ मंडली व पुलिस बैंड भी शामिल रहेंगे।
महाकाल की सवारी के परंपरागत मार्ग
भगवान महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी, जो महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन होगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हुए पुनः महाकाल मंदिर परिसर में प्रवेश करेगी।
पुलिस-आर्मी बैंड और लोकनृत्य करेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर महाकाल सवारी की प्रत्येक कड़ी को एक विशिष्ट थीम से जोड़ा जा रहा है। तीसरी सवारी की थीम “बैंड प्रस्तुति” रखी गई है। इस दौरान शहरवासियों को पुलिस, आर्मी, होमगार्ड और निजी बैंड की एक साथ आकर्षक धुनों की प्रस्तुति देखने को मिलेगी। साथ ही जनजातीय लोकनृत्य भी सवारी के आकर्षण को और बढ़ाएगा।