KHABAR: विधानसभा कैम्पस में विधायकों की नारेबाजी और प्रदर्शन पर रोक, पहली बार जारी हुआ ऐसा आदेश, कांग्रेस ने कहा- विधायकों के मुंह नहीं सिल सकती सरकार, पढ़े MP44NEWS पर खास खबर

MP 44 NEWS July 25, 2025, 5:39 pm Technology

भोपाल - 28 जुलाई से शुरू हो रहे मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में विधायक विधानसभा परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। विधानसभा सचिवालय की ओर से सभी मंत्रियों और विधायकों को एक पत्र भेजा है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष के स्थायी आदेश 94(2) के तहत विधायकों के विधानसभा परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई है। वहीं, विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि सरकार विधायकों के मुंह नहीं सिल सकती है। जानिए विधायकों को क्या कहा गया विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बीते 10 जुलाई को सभी विधायकों को एक परिपत्र भेजा। इस परिपत्र में विधानसभा सचिवालय की ओर से विधायकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए व्यवस्था में सहयोग करने की अपेक्षा की है। विधानसभा परिसर और दर्शक दीर्घा में प्रवेश पत्र सीमित संख्या में जारी किए जाएंगे। विधायकों से अनुरोध है कि अपने एक निज सहायक और वाहन चालक का नाम, वाहन नंबर के साथ प्रवेश पत्र कार्यालय भेजना सुनिश्चित करें। दर्शक दीर्घा में दो लोगों को एक घंटे तक एंट्री मानसून सत्र के लिए विधायकों की अनुशंसा पर दर्शक दीर्घा में सीमित व्यक्तियों को प्रवेश दिया जाएगा। विधानसभा परिसर में प्रवेश के लिए दो व्यक्तियों को ही परिसर में प्रवेश पत्र दिया जाएगा। दर्शक दीर्घा में एक घंटे के लिए प्रवेश की अनुमति होगी। विधायकों की सुविधा अनुसार अलग-अलग घंटों में दर्शक दीर्घा में प्रवेश मिलेगा। विधायक किसी को गाड़ी में बिठाकर विधानसभा न लाएं सत्र के दौरान विधानसभा भवन में किसी गैर या बिना प्रवेश पत्र धारी व्यक्ति को अपने साथ वाहन में बिठाकर या पैदल विधानसभा परिसर और सदन की लॉबी में प्रवेश न कराएं। सभी मंत्रियों और विधायकों की ड्यूटी में तैनात अंगरक्षकों के साथ ही बडे़ हथियार धारी अंगरक्षकों का सत्रावधि में प्रवेश वर्जित रहेगा। विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव इसरानी ने कहा विधायक गण विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने कई बार प्रदर्शन करते रहे हैं। मेरी जानकारी में पहले कभी ऐसा आदेश जारी नहीं हुआ, जिसमें विधानसभा परिसर में विधायकों के नारेबाजी और प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई हो। विधायकों ने लगाए हैं 3377 सवाल मानसून सत्र के लिए विधायकों ने इस बार 3377 सवाल लगाए हैं। ई-विधान के फार्मेट में पहुंचने जा रही विधानसभा की कार्यवाही को देखते हुए विधायकों ने ऑनलाइन सवाल पूछने में रुचि दिखाई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने कुल 3377 सवाल किए हैं। इसमें से 2076 सवाल ऑनलाइन किए गए हैं। दूसरी ओर ऑफलाइन सवालों की संख्या 1301 है। विधानसभा सचिवालय ने विधायकों के सवाल के जवाब तय समय सीमा में सरकार से मांगे हैं ताकि सदन की कार्यवाही के दौरान विधायकों को सवालों के सटीक और सही जवाब मिल सकें। उप नेता प्रतिपक्ष बोले- बापू और अंबेडकर के नारों से सरकार को क्या तकलीफ विधानसभा में नारेबाजी प्रदर्शन पर रोक के आदेश पर उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि अभी हाल ही में विधानसभा सचिवालय से एक तुगलकी आदेश आदेश जारी हुआ है जिसमें विधायकों को विधानसभा परिसर में नारेबाजी करने और प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई है। सरकार जवाब नहीं देगी तो हमें नारेबाजी करनी पड़ेगी कटारे ने कहा- या तो सरकार जवाब दे आंख से आंख मिलाकर तो हम नई लगाना बंद कर देंगे यदि सरकार निरुत्तर रहेगी और झूठे कथन सदन के अंदर देगी तो हमें नारेबाजी करनी पड़ेगी यह हमारा अधिकार है हम सांकेतिक विरोध करने के लिए जनता की आवाज उठाने के लिए ही चुने गए हैं यह हमारा मूलभूत अधिकार है इसलिए मैं इस आदेश का विरोध करता हूं और हम सभी विधायक के साथ इसका विरोध करेंगे। और आने वाले समय में विधानसभा के परिसर के अंदर जैसी पहले से परंपरा लागू थी वैसी ही व्यवस्था की जानी चाहिए। मैं यह मानता हूं कि सदन के अंदर जब सदन चल रहा हो तो वहां पर नारेबाजी नहीं की जाने चाहिए वहां की स्वच्छ परंपरा है लेकिन विधानसभा के परिसर में आप थोड़े रोकेंगे। कल के दिन आप हमारे मुंह पर ताला लगा देंगे। आप हमारे विधायकों के होंठ थोड़े सिल सकते। हमें जनता ने चुनकर भेजा है हम जनहित की आवाज पूरी ताकत के विधानसभा में उठाएंगे। जनता की आवाज हैं विधायक कटारे ने कहा- मध्य प्रदेश की जनता ने हम सभी विधायकों को चुनकर सदन के अंदर इसलिए भेजा है ताकि हम विधानसभा में जनता के विषयों को ताकत से उठा सकें और सरकार को नींद से जाग सके। यदि कहीं जनता के पैसों से लूट फरेब हो रही हो यदि कोई ठेकेदार, अधिकारी या कोई भी भ्रष्टाचारी जनता के पैसे पर डकैती डाल रहा है तो हम उनके खिलाफ भी सदन के अंदर आवाज उठा सकें। जब हम इस प्रकार के विषय प्रश्न, ध्यानाकर्षण अनेकों माध्यम से उठाते हैं तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार मौन धारण कर लेती है। या तो सरकार निरुत्तर रहती है हमारे प्रश्नों के जवाब में लिख देती है कि जानकारी एकत्रित की जा रही है। और सालों तक जानकारी नहीं आती या भ्रामक और झूठी जानकारी देते हैं। या फिर ऐसे भ्रष्टाचारियों से कमीशन खोरी करके पैसा खाकर उनका संरक्षण दिया जाता है। जब भी ऐसा कभी होता है तो हम लोग बाहर आकर गांधी जी की प्रतिमा पर या जिस प्रकार से सांकेतिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराते हैं।

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