KHABAR: हरियाली अमावस्या पर श्रीसांवलिया मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब, सांवरा सेठ के जयकारों से गूंजा परिसर, सुबह 4 बजे से ही लगी भक्तों की कतारें, पढ़े MP44NEWS पर खास खबर

MP 44 NEWS July 24, 2025, 1:19 pm Technology

चित्तौड़गढ़ - श्री सांवलियाजी मंदिर में हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह 4 बजे से ही मंदिर परिसर में भक्तों की कतारें लगना शुरू हो गई थीं। हर माह की अमावस्या को यहां मेले जैसा माहौल होता है, लेकिन हरियाली अमावस्या का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होने के कारण इस बार की भीड़ पहले से कहीं ज्यादा रही। मंगला आरती में उमड़ी भीड़, जयकारों से गूंजा परिसर तड़के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लग चुकी थीं। जैसे ही सुबह 5:30 बजे मंगला आरती के लिए मंदिर के पट खुले, वैसे ही भक्तों ने "जय सांवलिया सेठ" के जयकारों के साथ भगवान के दर्शन किए। मंगला आरती के बाद भी दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती रही। श्रद्धालु कतार में लगकर दर्शन करते रहे। इसके बाद दोपहर तक यह सिलसिला चलता रहा। आकर्षक श्रृंगार और भव्य दर्शन हरियाली अमावस्या के इस शुभ दिन पर भगवान सांवलिया सेठ को विशेष श्रृंगार और सोने के वाघा धारण कराए गए। सुबह का श्रृंगार जहां भक्तों को मंत्रमुग्ध कर गया, वहीं शाम को भी भगवान का विशेष श्रृंगार कर भव्य दर्शन कराए जाएंगे। इस दिन भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाले कृष्ण स्वरूप सांवलिया सेठ को देखने के लिए हर आयु वर्ग के श्रद्धालु उमड़ पड़े। राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक से पहुंचे भक्त मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र सहित देश के हर कोने से भी लाखों श्रद्धालु अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे। अमावस्या की पूर्व संध्या यानी चतुर्दशी को ही हजारों श्रद्धालु पहुंच चुके थे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाली अमावस्या पर श्रद्धा का स्तर किस ऊंचाई तक पहुंच गया। पदयात्रियों का भी उत्साह चरम पर चित्तौड़गढ़ सहित आसपास के गांवों जैसे चिकारड़ा, आसावरा माता, भाटोली, घोड़ा खेड़ा, भादसोड़ा और बानसेन से हजारों पदयात्रियों ने मंदिर तक पैदल यात्रा की। चित्तौड़ शहर से भी कई श्रद्धालु बुधवार रात से ही पदयात्रा पर निकले। मंडफिया से मंदिर तक की सात किमी की दूरी पर वाहनों की गति पदयात्रियों के कारण धीमी पड़ गई। प्रशासन ने की चाक-चौबंद व्यवस्था श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए गुरुवार को मंदिर कस्बे में वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद कर दी गई थी। इस वजह से जाम या अव्यवस्था जैसी स्थिति पैदा नहीं हुई। पार्किंग व्यवस्था कस्बे से बाहर की गई थी और पुलिस बल हर मोर्चे पर तैनात रहा। कहीं भी अव्यवस्था की सूचना नहीं आई। प्राकट्य स्थल और धर्मशालाओं में भी आयोजन सांवलियाजी चौराहे पर स्थित प्राकट्य स्थल मंदिर पर भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। प्रसाद वितरण और भजन कीर्तन का आयोजन चलता रहा। इसके अलावा देवकी सदन धर्मशाला में आयोजित ब्रह्मभोज में भी हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। मंदिर परिसर में भी माखन मिश्री बांटी गई, जिसको लेने के लिए भक्तों में होड मच गई। हरियाली अमावस्या की विशेषता मेवाड़ अंचल में हरियाली अमावस्या को विशेष पर्व की तरह मनाया जाता है। लोग इस दिन प्रकृति, हरियाली और भगवान के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। श्री सांवलियाजी जैसे पवित्र स्थल पर इस दिन दर्शन करना पुण्यदायी माना जाता है। यही कारण है कि मेवाड़ ही नहीं, आसपास के कई राज्यों के श्रद्धालु हरियाली अमावस्या पर सांवलिया सेठ के दर्शन को जीवन का सौभाग्य मानते हैं। इसके अलावा मेवाड़ अंचल के कई प्राकृतिक स्थलों पर आज पर्यटकों का जमावड़ा भी रहता है।

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