भोपाल -
बारिश के कारण लबालब हुए बांधों और जल भराव के चलते पानी निकासी की स्थिति को देखते हुए जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने प्रदेश के सभी बांधों की रिपोर्ट तलब की है। मंत्री ने विभाग के प्रमुख इंजीनियर्स से यह खासतौर पर पूछा है कि प्रदेश में ऐसे कितने बांध हैं, जो वर्तमान में शहरी सीमा में आ गए हैं।
सरकार ऐसे बांधों को लेकर भविष्य में नई कार्ययोजना बनाने की तैयारी में है। इसके अलावा, जल संसाधन विभाग के रेस्ट हाउस की दशा सुधारने को लेकर भी विभाग प्लान तैयार कर रहा है।
प्रदेश के सभी मुख्य अभियंता, परियोजना संचालकों को पत्र लिखकर जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता ने कहा है कि विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट मानसून सत्र के पहले विभाग की समीक्षा बैठक लेने वाले हैं। ऐसे में सभी अधिकारी इस जानकारी के साथ बैठक में मौजूद रहेंगे।
मंत्री ने अफसरों से मांगी यह जानकारी
विभाग के आधिपत्य में कितने भवन हैं, कितनी संपत्तियां हैं? इसकी चीफ इंजीनियर क्षेत्र वार जानकारी दी जाना है।
विभाग के अधीन कितने रेस्ट हाउस, इंस्पेक्शन बिल्डिंग है? इसकी विस्तृत जानकारी देने के लिए कहा गया है।
विभाग या चीफ इंजीनियर क्षेत्र के ऐसे सभी बांधों की सूची दी जाए, जो वर्तमान में शहरी क्षेत्र में आ गए हैं।
विभाग की ऐसी नहरों का ब्योरा मांगा गया है, जिसके अंतिम छोर तक पिछले रबी सीजन में पानी नहीं पहुंचा है।
बांध और नहरों के सुधार के लिए राशि का ब्योरा दिया जाए।
विधानसभा के फरवरी 2024 में हुए सत्र के दौरान जिन ध्यानाकर्षण प्रस्तावों का जवाब दिया गया है, उसकी जानकारी भी मंत्री ने अलग से मांगी है।
शहरी सीमा में आ चुके ये बांध
प्रदेश में शहर के किनारे कई बांध हैं, जिनमें से कोलार बांध, केरवा बांध और कलियासोत बांध हैं।
ये बांध भोपाल शहर के पास स्थित हैं। कलिया सोत और केरवा तो काफी हद तक शहरी सीमा में भी हैं।
इसके अलावा भोपाल का हथाईखेड़ा डैम में शहरी सीमा में आ गया है।
भदभदा बांध भोपाल में स्थित है और शहर के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
इंदौर में यशवंत सागर बांध भी शहर की सीमा में शामिल हो गया है। यह बांध इंदौर शहर की 2 लाख लोगों की आबादी को पेयजल की आपूर्ति करता है।