जावद - शुभा रिछारिया दीक्षित, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जावद द्वारा 3,50,000 रूपये की चोरी करने वाले दो आरोपीगण (1) सद्दाम पिता ईस्माइल, उम्र-32 वर्ष, निवासी-ईशाकाबाद, निम्बाहेडा (राजस्थान) तथा (2) सोनू शेख पिता रफीक मोहम्मद, उम्र-19 वर्ष, निवासी-पीथलवडीकलां, छोटी सादडी (राजस्थान) को धारा 379 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 01-01 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000-5000 रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रितेश कुमार सोमपुरा द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया घटना दिनांक 10 जून 2024 के लगभग 12ः20 बजे थाना जावद क्षैत्र में आने वाले जावद-मोरवन मार्ग स्थित चौपड़ा मिल के सामने की हैं।
घटना दिनांक को फरियादी नाथुलाल ने थाना जावद में उपस्थित होकर बताया कि वह ग्राम मोड़ी से जावद मोटरसायकल से के.सी.सी. के 3,50,000 रूपए जमा कराने स्टेट बैंक, जावद आया था तो के.सी.सी. जमा कराने वाले अधिकारी ने बोला कि एक महीने बाद रूपए जमा होंगे। इस कारण वह वापस बैंक से गांव के लिए रवाना हुआ, रूपये की थैली उसने हैंडल पर टांग रखी थी, तभी पीछे से मोटरसायकल पर आरोपीगण आये और रूपयों से भरी थैली को लेकर रामपुरा दरवाजा तरफ भाग गये।
फरियादी चिल्लाया तो वहां पर कई लोग आ गए जिन्होंने आरोपीगण का पीछा किया, किन्तु वह उन्हें पकड़ नहीं पाये। फरियादी की रिपोर्ट पर से एफ.आई.आर. पंजीबद्ध की गई। अपराध की प्रारंभीक विवेचना उपनिरीक्षक राजेन्द्र सिंह द्वारा की गई बाद में घटना की गंभीरता को देखते हुवे अपराध को जघन्य एवं सनसनीखेज के रूप में चिन्हित किया गया व इसकी अग्रमी विवेचना थाना प्रभारी निरीक्षक जितेन्द्र वर्मा द्वारा की गई।
विवेचना के दौरान उनके द्वारा सीसीटीवी फुटैज को देखकर मोटरसायकल एवं हुलिये के आधार पर आरोपीगण की पहचान की गई व उनको गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी गये हुवे रूपयों को जप्त किया गया। अनुसंधान के दौरान सभी महत्वपूर्ण ईलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकार्ड मय लोकेशन आदि को एकत्रित किया जाकर विवेचना पूर्ण कर अभियोग-पत्र जावद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
विचारण के दौरान तत्कालिन सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी योगेश कुमार तिवारी द्वारा फरियादी सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराये गये तथा अभियोग-पत्र के साथ प्रस्तुत सभी ईलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को विचारण के दौरान साक्षीयों से प्रमाणित कराया गया। प्रकरण में अपराध की गंभीरता को देखते हुवे आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया।