उज्जैन - उज्जैन में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने महाकाल मंदिर प्रशासक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। साथ ही महाकाल प्रशासक अपना इस्तीफा दें। दरअसल, श्रावण माह के दूसरे सोमवार पर भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में इंदौर-3 के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला और उसके बेटे रुद्राक्ष के जबरन घुसे थे।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसकर कुकर्म किया गया है। हमारी एक ही मांग है कि महाकाल प्रशासक इस्तीफा दे और विधायक के बेटे को गिरफ्तार कर तुरंत कार्रवाई की जाए। साथ ही, हमें यह जानकारी भी चाहिए कि विधायक को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति किसने दी।
प्रदर्शन के बीच कांग्रेस की एक कार्यकर्ता ने कहा कि महाकाल मंदिर बीजेपी के बाप का हो गया है। यहां मंत्री, विधायक और उनके पुत्र गर्भगृह में जा सकते है लेकिन आम आदमी का प्रवेश पूरी तरह बंद है।
विधायक को परमिशन किस आधार पर दी गई?
मंदिर की देहरी तक पहुंचने के मामले में 2 साल पहले कांग्रेस नेता और पूर्व पार्षद माया त्रिवेदी के खिलाफ महाकाल समिति ने एफआईआर दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि एक बार तो मुझे देहली तक भी नहीं जाने दिया गया था। मुझे धरना देना पड़ा, तब जाकर मुझे जल चढ़ाने की अनुमति दी गई। इतनी हठधर्मिता थी और जब पता चला कि मैं कांग्रेस से हूं, मुझे रोक दिया गया।
ऐसे में उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है मानो महाकाल मंदिर अब बीजेपी के बाप का हो गया है। यहां सिर्फ भाजपा के मंत्री, विधायक और उनके पुत्र ही गर्भगृह में जा सकते हैं, लेकिन आम आदमी का प्रवेश पूरी तरह रोक दिया गया है।
उज्जैन जिला प्रशासन नहीं कर रहा ठोस कार्रवाई
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि हम मंदिर समिति के सदस्यों से आग्रह करने आए हैं कि बीजेपी के विधायक और उनके पुत्र मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसते हैं और वहां मौजूद अधिकारियों व पुजारियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। ऐसे इन्हें रोका जाए और उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाए।
यह वही विधायक पुत्र हैं, जिन्होंने देवास के मां चामुंडा के दरबार में रात 12:30 बजे मंदिर खुलवाया था और पुजारी के साथ धक्का-मुक्की की था। उस मामले में देवास जिला प्रशासन ने तत्काल एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन इस बार उज्जैन जिला प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है।
हमारी मांग है कि जो भी जांच समिति बनाई जाए, उसमें निष्पक्ष लोगों को शामिल किया जाए। पिछली बार भी सिर्फ दिखावे के लिए जांच समिति बनाई गई थी, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर बैन
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। यहां केवल पुजारी ही जा सकते हैं। वीआईपी भी नंदी के नजदीक से ही दर्शन कर सकते हैं। प्रतिबंध भगवान महाकाल की प्रतिमा की सुरक्षा को देखते हुए लगाया गया था।
एक मिनट तक दर्शन का लाइव प्रसारण बंद
महाकाल मंदिर में भस्म आरती का ऑनलाइन प्रसारण होता है, लेकिन सावन के दूसरे सोमवार को लाइव यूट्यूब लिंक करीब 1 मिनट तक ब्लैंक रहा। माना जा रहा है कि वीवीआईपी प्रवेश के दौरान यह प्रसारण रोक दिया गया था।
अप्रैल में देवास की माता टेकरी पर हुआ था विवाद
यह पहला मौका नहीं है, जब रुद्राक्ष शुक्ला पर ऐसे आरोप लगे हैं। अप्रैल 2025 में उन्होंने देवास की माता टेकरी पर रात के समय जबरन मंदिर खुलवाने की कोशिश की थी। वहां पुजारी से विवाद और मारपीट भी हुई थी। बाद में बीजेपी संगठन के हस्तक्षेप के बाद रुद्राक्ष ने माफी मांगी और थाने में सरेंडर किया था।
उस समय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली से रिपोर्ट तलब की थी और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को इंदौर भेजा गया था। उन्होंने सख्त लहजे में कहा था कि इस तरह की घटनाएं पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। भविष्य में दोबारा ऐसी घटनाएं न हों, यह सुनिश्चित करें।