मंदसौर - कौशल विकास को रोजगारोन्मुखी बनाया जा सके, ड्रॉपआउट को कम किया जा सके और विभिन्न क्षेत्रों में अधिक अभ्यर्थियों को आकर्षित किया जा सके इस हेतु केंद्रीय प्रशिक्षुता परिषद (सीएसई) ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना और राष्ट्रीय अप्रेंटेंशिप प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत प्रशिक्षुवृत्तिका में 30 प्रतिशत की वृद्धि के लिए सरकार को प्रस्ताव दिया है। उक्त बात सांसद गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कही।
सांसद गुप्ता ने कहा कि सरकार सूचना प्रोद्योगिकी, दूरसंचार, जैव प्रोद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे लोकप्रिय क्षेत्रों को उक्त योजनाओं के अंतर्गत प्रशिक्षुवृत्तिका के लिए चयनित क्षेत्रों की श्रेणी में शामिल करने का विचार रखती है। इसी के साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता में एक लाख छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। प्रश्न के जवाब में
कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जयन्त चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना और राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना के तहत प्रशिक्षुओं के वजीफे में 36 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है । यह प्रस्ताव केंद्रीय शिक्षुता परिषद द्वारा दिया गया है, और इसका उद्देश्य स्कूल छोड़ने की दर को कम करना और विभिन्न क्षेत्रों में अधिक उम्मीदवारों को आकर्षित करना है । 30 प्रतिशत की वृद्धि से प्रशिक्षुओं को आर्थिक रूप से अधिक सहायता मिलेगी, जिससे वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। यह वृद्धि प्रशिक्षुओं को कौशल विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, क्योंकि उन्हें अब अपने प्रशिक्षण के लिए कम आर्थिक संघर्ष करना पड़ेगा। अधिक वजीफा प्रशिक्षुओं को अधिक आत्मविश्वास के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने और रोजगार के लिए बेहतर ढंग से तैयार होने में मदद करेगा।
इसी के साथ ही उन्होने बताया कि स्किल इंडिया डिजिटल हब पर उपलब्ध एआई फॉर एंटरप्रेन्योरशिप नामक एक स्व-अधिगम माइक्रो-मॉड्यूल में दिसंबर 2024 में इसकी शुरुआत के बाद से 23,163 नामांकन हुए हैं, जिसमें से अब तक 11,089 प्रतिभागी प्रमाणित किए गए हैं। सिद्ध एक मोबाइल-फर्स्ट डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) है जो कौशल भारत और डिजिटल भारत पहल को एकीकृत करता है।
पीएमकेवीवाई 4.0 के अंतर्गत, कुल 34,709 व्यक्तियों को एआई से संबंधित नौकरी भूमिकाओं जैसे कि बिजनेस इंटेलिजेंस एनालिस्ट, डेटा साइंटिस्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर और डेवऔप्स (क्मअव्चे) इंजीनियर को प्रशिक्षित किया गया है।
एनएपीएस-2 के अंतर्गत, वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2025-26 (दिनांक 30 जून, 2025 तक) के बीच एआई से संबंधित आठ ट्रेडों में 1,480 शिक्षुओं को नियुक्त किया गया है। मूलभूत एआई प्रशिक्षण को और बेहतर बनाने के लिए, वर्ष 2024-25 सत्र से सभी 19 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग असिस्टेंट नामक एक नई शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) ट्रेड शुरू की गई है, जिसकी वार्षिक प्रवेश क्षमता 504 छात्रों की है।