रतलाम। पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने ट्रेनों के कुशल संचालन में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। दिसंबर 2023 में पहली बार एक महीने में 1000 से अधिक क्रैक ट्रेनों का संचालन करके शुरुआत की गई थी, जो अब तक निरंतरता के साथ जारी है। इस अवधि में अब तक कुल 26000 से अधिक क्रैक ट्रेनों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया है, जो औसतन 43 से अधिक क्रैक ट्रेन प्रति दिन के प्रभावशाली आँकड़े को दर्शाता है। पश्चिम रेलवे की सबसे तेज़ क्रैक ट्रेन 26 नवंबर 2024 को रतलाम से वडोदरा के बीच चलाई गई थी, जिसने 3 घंटे 47 मिनट में यह दूरी तय की और 69.13 किमी/घंटा की औसत गति प्राप्त की। क्रैक ट्रेनों के परिचालन को और सशक्त करने हेतु सुपर-क्रैक ट्रेनों की भी शुरुआत की गई, जो एक से अधिक क्रू लॉबी को बायपास करती हैं। उज्जैन-बड़ौदा-उज्जैन, गोधरा-भोपाल, रतलाम-उधना-रतलाम, बकानियॉं भौंरी-गोधरा-बकानियॉं भौंरी , उज्जैन-वाणक बोरी -उज्जैन और उज्जैन- करछिया यार्ड-उज्जैन जैसे मार्गों पर इन सुपर-क्रैकों का संचालन किया गया। पश्चिम रेलवे की अब तक की सबसे तेज़ और सबसे लंबी चलने वाली सुपर-क्रैक ट्रेन 3 मई 2024 को गोधरा से भोपाल के बीच चलाई गई, जिसने 6 घंटे 50 मिनट में यात्रा पूरी कर 68.2 किमी/घंटा की औसत गति हासिल की। इतना ही नहीं, पश्चिम रेलवे ने पहली बार तीन डिवीजनों को कवर करने वाली क्रैक ट्रेनों का भी सफलतापूर्वक संचालन किया, जिसमें रतलाम-वटवा तथा रतलाम-उधना मार्ग शामिल रहे, और इन मार्गों पर दोनों दिशाओं में क्रैक ट्रेनों का संचालन किया गया। ये ऐतिहासिक उपलब्धियाँ सभी विभागों के निरंतर सहयोग और पड़ोसी रेलवे डिवीजनों के साथ-साथ पश्चिमी रेलवे मुख्यालय टीम के निरंतर समर्थन का प्रतिफल हैं, जो भारतीय रेलवे के कुशल संचालन की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो रही हैं। खेमराज मीना जनसंपर्क अधिकारी-रतलाम मंडल