विधानसभा के मानसून सत्र का बुधवार को तीसरा दिन है। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस के विधायकों ने पेसा कानून को सही तरीके से लागू न किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया। सरकार पर आदिवासियों को वन क्षेत्र से बेदखल किए जाने का आरोप लगाया।
इस पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा- मुझे लगता है कि जिन्होंने जीवन में कुछ नहीं किया उन्हें मूल्यांकन का भी अधिकार नहीं है। पेसा के मामले में जिस ढंग से काम हुआ है वह बेहतरीन है।
आज प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण के बाद अनुपूरक बजट पर दो घंटे चर्चा होगी। मंगलवार को वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया था।
जिसमें प्रदेश की बारिश के कारण उखड़ी सड़कों के सुधार और नई सड़कों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया है। जबकि मानसून सत्र के पहले दिन 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गूंजा था।
अपडेट्स-
भाजपा विधायक डॉ. अभिलाष पांडे ने मध्य प्रदेश में संस्कृत भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया।
कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने विधानसभा में किए गए सवाल में से मूल प्रश्न को बदलने का आरोप लगाया।
कार्यवाही शुरू होने से पहले पेसा कानून को ठीक से लागू नहीं किए जाने को लेकर विपक्षी विधायकों ने प्रदर्शन किया।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा- सरकार आदिवासियों को परेशान कर रही है। वन विभाग उन्हें वन क्षेत्र से बेदखल करने में जुटा है।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा- ये हालात पूरे प्रदेश में है। ये केवल आश्वासन और घोषणाओं की सरकार है।
बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा- हमारी सरकार आदिवासी हितों के लिए काम करने वाली है, जबकि कांग्रेस पाखंड करती है।
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा- मुझे लगता है जिन्होंने जीवन में कुछ नहीं किया, उन्हें मूल्यांकन का भी अधिकार नहीं है। पेसा के मामले में बेहतरीन काम हुआ है।