KHABAR: केरी फायरिंग कांड- सच में फायरिंग हुई थी या खुद करवाई, पढ़े MP44NEWS पर खास खबर

MP 44 NEWS July 7, 2025, 1:52 pm Technology

राणा नेटवर्क के गुर्गे बनाने लगे अपना-अपना साम्राज्य, जो एक थे अब एकदूसरे की जान के दुश्मन, दशरथ, वीपी, सुनील, वीरेंद्र और मारवाड़ा लॉबी के खेल, केरी में हुई फायरिंग के पीछे कई हैं रहस्य! नीमच - नीमच जिले के जीरन थाना क्षेत्र के केरी गांव में तस्करी के आरोपी दशरथ के घर पर हुई अंधाधुंध फायरिंग की घटना के पीछे कई रहस्य छुपे हैं। जिसके घर फायरिंग हुई वह और जिस पर फायरिंग की शंका जताई गई वह यानि दोनों ड्रग माफिया हैं। अब इसमें तीसरी बात यह सामने आई है कि फायरिंग किसी ने की नहीं खुद ही करवाई गई है ताकि विरोधी को उलझाया जा सके, हालांकि इस बात में कितना दम है यह राज जल्द खुलने वाला है ! जेल हो या बाहर हो कमल राणा की अवैध गतिविधियां निर्बाध चलती रही है। पहले दशरथसिंह केरी, विश्वनाथ सिंह, सुनील मीणा गमेरपुरा, वीरेंद्र जाट, भारत समेत राजस्थान के मारवाड़ के कुख्यात तस्करों का राणा कार्टेल के साथ मजबूत गठजोड़ था। मालवा और मेवाड़ में अपना दबदबा कायम करने के लिए संगठित गिरोह ने कई गंभीर वारदातों को अंजाम दिया। काली कमाई से अकूत धन जुटाकर गुर्गों के नाम पर राजस्थान और सीमावर्ती मध्यप्रदेश में कई जमीनें खरीदी गई। मादक पदार्थों की बहुत बड़ी खेप राजस्थान में पहुंचाने और उसे खपाने का काम भी होता रहा है। अपना अपना वर्चस्व स्थापित करने की होड़, जमीने और मादक पदार्थ की डील ये बातें इस समय इस गिरोह के बिखराव का कारण बन रही है। पुलिस की माने तो फायरिंग कांड जब हुआ तो पहले दशरथ के परिजन थाने जाने में आनाकानी करते रहे। उसके पहले फायरिंग के वीडियो सार्वजनिक कर दिए गए। खास बात यह भी कि कोई 25 से 30 राउंड फायरिंग हुई लेकिन किसी को चोट तक नहीं। इससे शंका बढ़ी। इस फायरिंग कांड को लेकर पुलिस के सामने दशरथ के परिवार ने सीधे कुख्यात तस्कर सुनील मीणा पर शंका जताई। तो राजस्थान के मोस्ट वांटेड सुनील मीणा गमेरिया के परिवार ने एसपी को आवेदन देकर बताया कि फायरिंग कांड खुद दशरथसिंह और वीपी की रची साजिश है ताकि दूसरों को फंसाया जा सके। अब पुलिस की तीन टीमें इन्वेस्टिगेशन में झोंकी गई है। कुंडलियां निकाली जा रही है। दशरथ की तमाम गतिविधियों को स्केच कर लिया गया है तो वीपी सिंह के भी काले कारनामों का चिट्ठा तैयार हुआ है। कैसे अवैध धंधों में उतरा राजस्थान में मामला दर्ज हुआ जमानत ली, फर्नीचर की दुकान की आड़ में काले को सफेद करने का गोरखधन्धा कैसे फलफूल रहा है? एसपी अंकित जायसवाल ड्रग माफियाओं के बड़े गिरोहों का खात्मा करने की तैयारी में जुटे हैं। इस फायरिंग कांड के पीछे वर्चस्व, जो जमीनें खरीदी उनका लालच, साम्राज्य स्थापित करने की होड़ और मादक पदार्थों की बड़ी डील में धोखाधड़ी जैसे और भी कोण निकले हैं। रहस्य खुलने के नजदीक है। फायरिंग सच मे हुई या किसी को फंसाने खुद ही करवाई यह कांड कई परतें खोलेगा। जिसमें गिरोह चलाने और हथियारों का जखीरा इकट्ठा करने तक की बातें आएगी। यानि नशे की तस्करी, हथियारों का दुरुपयोग, काली कमाई को सफेद करने की धंधेबाजी करने वाले काले धनकुबेरों के राज खुलेंगे। बस जांच लालच में न डगमगाए।

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